हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी और सेवानिवृत्तों को पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर डीए, महंगाई भत्ता मिलने की आस थी। इस आस के पीछे तर्कसंगत कारण ये है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आने के बाद पहली बार आयोजित हुए पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को 3 फीसदी डीए देने की घोषणा की थी। कर्मचारियो व पेंशनरों को मिलना था 12 फीसदी डीए।
इस बार भी कर्मचारी आशांवित थे कि मंडी जिला के धर्मपुर में आयोजित हो रहे पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मुख्यमंत्री सुक्खू कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते की एक किश्त जारी करने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि सीएम ने डीए की घोषणा नहीं की। जबकि कर्मचारियो व पेंशनराें को 12 फीसदी डीए मिलना शेष है।
एक फीसदी डीए के लिए होती 140 करोड़ रुपये की दरकार
2023 में सरकार ने डीए की एक किश्त के रुप में तीन फीसदी का भुगतान किया था। यदि मुख्यमंत्री डीए की घोषणा करते तो एक फीसदी डीए देने के लिए 140 करोड़ रुपये की दरकार रहेगी। यदि सरकार प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को बकाया कुल डीए का भुगतान करना चाहे तो दो हजार करोड़ से अधिक की धनराशि की आवश्यकता रहेगी।
साल 2022 से बाकी है डीए का भुगतान
जुलाई 2022, जनवरी 2023 और जुलाई 2023 की 4-4 फीसदी डीए की किश्त का भुगतान होना शेष है। प्रदेश सरकार के कर्मचारियों का डीए 34 फीसदी पहुंचा है तो केंद्र सरकार के कर्मचारी 46 फीसदी पर पहुंच गए हैं।
एरियर की दूसरी किश्त भी होनी है जारी
ऐसी संभावना थी कि मुख्यमंत्री सुक्खू पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर कर्मचारियों को डीए देने का एलान कर सकते थे। इसी तरह से एरियर की दूसरी किश्त भी जारी की जा सकती है। दूसरी किश्त एक लाख रुपये की घोषित हो सकती है। पहली किश्त के तौर पर कर्मचारियों को 50 हजार रुपये मिले थे।
लोकसभा चुनाव के बाद घोषणा नहीं है संभव
डीए और एरियर का भुगतान अगले वित्त वर्ष में करने की शर्त लगाई जाए। ऐसा करने से समस्त कर्मचारी लोकसभा चुनाव से पहले खुश होंगे। सरकार के लिए लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद किसी भी तरह की घोषणा करना संभव नहीं होगा।
वित्तीय हक के लिए कब तक इंतजार करेंगे कर्मचारी
कर्मचारी अपने वित्तीय हक के लिए कब तक इंतजार करेंगे। हमने पहली ही मुख्यमंत्री से मांग की है कि कर्मचारियों को किश्तों में डीए और इसी तरह से बकाया दस हजार करोड़ एरियर का भुगतान किया जाए। आशा करते हैं कि मुख्यमंत्री कर्मचारी वर्ग के हितों को ध्यान में रखेंगे। -संजीव शर्मा, अध्यक्ष सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन।