गगरेट में ये दूसरा बड़ा मामला है जब इतनी बड़ी संख्या में नशे की खेप पकड़ी गई है । इस से पहले 53000 नशीली दवाई की प्रतिबंधित गोलियां पकड़ी गई थी जो कि गगरेट में एक तस्कर बड़े स्तर पर इस नेटवर्क को चला रहा था और इस समय आरोपित जेल में है । अब ये दूसरा मामला है जिसमें हीरोइन और समैक पकड़ी गई है जिसमें 178 ग्राम नशे की खेप पकड़ी है जिसमें 83.28 ग्राम चिट्टा यानी हीरोइन और 94.72 ग्राम समैक पकड़ी गई है । इन दोनों में समानता ये है कि दोनों मामलें स्टेट सीआईडी के विशेष विंग एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने पकड़े है । अब इस पूरे प्रकरण में सवाल ये उठ रहा है कि इस पहले मामलों में अधिकतर या तो हिमाचल के लोग पकड़े गए या पंजाब के लोग पकड़े गए । ऐसा ये पहला मामला है जब जयपुर से सम्बंधित कोई आरोपित पकड़ा गया । अब जयपुर का ये नशा तस्कर गगरेट में किसे नशा लेकर आया और वो भी इतनी बड़ी मात्रा में , इस बात से एक बात तो स्पष्ट है नशे का कारोबार ज़िला ऊना में इतना बड़ा है जिसका आंकलन किया जाना सम्भव नही है । पुलिस 1 ग्राम से लेकर 3या 4 ग्राम तक के आरोपितों को पकड़ी रही है । जनवरी से लेकर अब तक करीब 62 मामलें पुलिस ने दर्ज किए लेकिन अब तक इतनी बड़ी खेप के साथ एक भी मामला पहले दर्ज नही हुआ है । शक की सुई नशा मुक्ति केंद्रों की तरफ भी उठ रही है क्योंकि इस से पहले दो नशा मुक्ति केंद्र के लोग पहले ही नशा तस्करी करने के आरोप में जेल की हवा खा रहे है । एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की शुरुआती जांच में ये तो खुलासा हुआ है कि ये नशे की खेप गगरेट के आसपास के क्षेत्र में डिलीवर करनी थी । हालांकि इस मामलें का पूरा खुलासा पुलिस रिमांड में होगा लेकिन ये अपने आप मे ज़िला पुलिस पर भी सवाल खड़ा करने के लिए प्रयाप्त है कि गगरेट के आसपास नशे का बड़ा नेटवर्क कौन चला रहा है ।
इनसेट
स्मेक और हीरोइन में क्या है फर्क
हेरोइन- अगर हेरोइन की बात करें तो ये भी अफीम से बनता है और इसे मानव द्वारा ही तैयार किया जाता है. हेरोइन में मार्फिन भी होता है, जो मेडिकल क्षेत्र में पेनकिलर दवा के रूप में काम में लिया जाता है. अफीम और एसिटिक मिलाकर हेरोइन को तैयार किया जाता है. इसे डाई एसिटिल भी कहा जाता है ।
स्मैक- स्मैक अपने आप में कोई नैचुरल प्रोडक्ट नहीं है, इसे मशीन से तैयार किया जाता है. यह अफीम से तैयार की जाती है. अफीम से कई तरह के नशीले पदार्थ तैयार किए जाते हैं, जिसमें स्मैक भी शामिल है. स्मैक बनाने के लिए अफीम में दूसरे पदार्थों को भी शामिल किया जाता है, फिर अफीम बनती है । हालांकि दोनों नशे एक तरह के है लेकिन स्मेक को हीरोइन का रिफाइन रूप माना जाता है और इसमें केमिकल डालकर इसे जानलेवा नशा तैयार किया जाता है जिसे सिंथेटिक ड्रग भी कहा जाता है ।