हिमाचल के उद्योगों में हिमाचलियों को नही मिल रहा उनका हक – चैतन्य शर्मा
गगरेट 15 फरवरी :- गगरेट विधायक चैतन्य शर्मा ने विधानसभा पटल पर हिमाचली कामगारों को नियमानुसार 80 प्रतिशत रोजगार न मिलने के मुद्दे को उठाते हुए प्रश्न पूछा कि हिमाचल के उद्योगों में हिमाचली कमगारों के लिए जो मानक तय है उसके आधार पर हिमाचलियों को कई उद्योगों में पूर्ण रोजगार नही दिया जा रहा यदि कुछ उद्योगों में रोजगार मिल भी रहा है तो ऐसे कार्य करवाए जा रहे है जो उनकी स्किल के खिलाफ है । चैतन्य शर्मा ने कहा कि ये आंकड़े तब सही होते है जब इन उद्योगों का निरीक्षण किया जाता है उस समय खानापूर्ति के लिए उद्योग अपने दस्तावेज़ों पर मानक पूरे कर देते है जबकि धरातल पर हकीकत कुछ और होती है । विधायक चैतन्य शर्मा ने कहा कि वर्ष 2022 में ये आंकड़ा मात्र 44 प्रतिशत था । विधायक चैतन्य शर्मा ने सरकार से पूछा कि सरकार के बीते एक वर्ष में क्या सरकार ऐसी कोई ठोस नीति लेकर आई है जिसमे उद्योगों के लिए तय मानक पूरे करने के लिए उद्योग मालिको को बाध्य किया जा सके ।विधायक चैतन्य शर्मा ने उद्योगों से जुड़ा दूसरा प्रश्न किया कि अधिकतर उद्योगों में श्रमिक अपनी मांगो को लेकर संघठन बना लेते है जिस कारण अक्सर उद्योगों और श्रमिक में तनाव रहता है क्या सरकार ने ऐसे मानक तय किए है जिसमे श्रमिक और उद्योग मालिक अपने कर्तव्य और अधिकार सामान रुप से माने और उद्योगों और श्रमिको के हितों पर किसी भी तरह की असुरक्षा न हो । अधिकतर श्रमिको को अक्सर सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर सुविधाएं नही मिलती इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक वर्ष में क्या कदम उठाए है । प्रदेश के अधिकतर उद्योगों में ठेकेदारी प्रथा बहुत हावी होती जा रही है रोजगार न मिलने के कारण अक्सर पढ़े लिखें युवा भी इन ठेकेदारों के पास ऐसे ऐसे कार्य करते है जो उनकी योग्यता के अनुरूप नही है और बदले में कामगारों को उनका न्यूनतम वेतन भी नही मिलता । प्रदेश सरकार इसके किये क्या कदम उठाने जा रही है ।