संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को 16 अप्रैल को देखने को मिला ऐसा नज़ारा, जिसकी कल्पना भी वहां के रहने वालों ने नहीं की होगी. रेगिस्तान के बीच बसा चमचमाता शहर दुबई अचानक से मानो जलमय हो गया. आसमान इतना बरसा कि कुछ ही घंटों में भारी बारिश का रूप ले लिया और देखते ही देखते बाढ़ का कहर तबाही मचाने लगा.
दुबई में बारिश होना अपने आप में एक अनोखी घटना है. यहां साल भर में जितनी बारिश होती है, उतनी बारिश सिर्फ एक ही दिन में हो गई. रेगिस्तानी इलाके की सूखी धरती को मानो प्यास बुझाने का मौका मिल गया हो, लेकिन ये खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई. आसमान से बरसते पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि वो सड़कों, नालों और नदी नालों में समा नहीं सका. थोड़ी ही देर में दुबई का शानदार इंफ्रास्क्रक्चर पानी के नीचे डूबने लगा.
दुबई एयरपोर्ट, जो हमेशा चहल-पहल से भरा रहता है, वहां भी पानी भर गया. कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और हवाई यात्रा करने वाले यात्री परेशान हो गए. सड़कों पर गाड़ियां तैरने लगीं और लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया. मॉल, दुकानें और स्कूल भी पानी की चपेट में आ गए.
इस बाढ़ की वजह को लेकर अभी तक अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि दुबई प्रशासन ने बारिश कराने के लिए “क्लाउड सीडिंग” नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया था. इसमें रसायनों का छिड़काव कर के बादलों को बरसाने के लिए प्रेरित किया जाता है. लेकिन ऐसा लगता है कि क्लाउड सीडिंग के दौरान कोई गड़बड़ी हो गई और इतनी ज्यादा बारिश हो गई, जिससे बाढ़ का रूप ले लिया.
दुबई प्रशासन इस घटना की जांच कर रहा है. फिलहाल राहत और बचाव का काम जारी है. अभी तक इस बाढ़ में कितने लोगों की जान गई है और कितना नुकसान हुआ है, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन इतना तय है कि रेगिस्तान के बीच अचानक आई ये बाढ़ संयुक्त अरब अमीरात के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हो गई है.