प्रदेश सरकार ने 2011-12 के बाद स्टांप ड्यूटी पर शुल्क बढ़ाया है। अधिसूचना के मुताबिक शपथ-पत्र और नकल लेने के लिए लगाए जाने वाले आवेदनों पर अब 3 गुना ज्यादा स्टांप शुल्क अदा करना होगा।
शुल्क में त्रिगुणा वृद्धि: प्रदेश सरकार ने 2011-12 के बाद स्टांप ड्यूटी में बढ़ोत्तर किया है। नए अधिसूचना के अनुसार, शपथ-पत्र और नकल प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वालों पर अब 3 गुना अधिक स्टांप शुल्क चुकाना होगा।
हिमाचल में अब लोगों को राजस्व कार्यों के लिए जेब ढीली करनी होगी। कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार ने करीब 10 साल बाद स्टांप ड्यूटी में बदलाव किए है। स्टांप ड्यूटी में 10 गुना की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद लीज, गिफ्ट, सेल, समझौता नामा, गोद-पत्रनामा, तबादला, शपथ-पत्र और पारिवारिक व्यवस्था करवाना महंगा हो गया है। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इससे प्रदेश की आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।इसके अलावा स्पेशल पावर आफ अटार्नी (एसपीए) शुल्क को 100 से 1,000, जनरल पावर आफ अटार्नी (जीपीए) को 150 से 1,500 और गिफ्ट डीड को 200 से 2,000 रुपये तक न्यूनतम किया गया है। मुख्तारनामा और अधिकार पत्र (पीओए) को 100 से 1,500 रुपये और गोद-पत्रनामा (अडोप्शन डीड) के लिए भी अब 100 की जगह 1,000 रुपये का शुल्क चुकाना होगा। तबादले के लिए शुल्क तय किए हैं। पारिवारिक व्यवस्था (पारिवारिक समझौता) के लिए पहले न्यूनतम शुल्क 100 से 1,000 रुपये था। अब इस शुल्क को बढ़ाकर 2,000 से 5,000 कर दिया है। महिलाओं को एक फीसदी का फायदा, तीन का नुकसान हिमाचल सरकार ने भूमि खरीद पर स्टांप ड्यूटी में संशोधन कर स्टांप ड्यूटी को दस गुना बढ़ाया है। अब पुरुषों को 50 लाख पर 6 प्रतिशत और इससे अधिक की खरीद पर 8 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ेगी। महिलाओं को 50 लाख तक के सौदे पर 4 प्रतिशत और 80 लाख रुपये से ज्यादा की खरीद पर 8 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी शुल्क देना होगा। इससे पहले महिलाओं को 50 से 80 लाख पर 5 प्रतिशत शुल्क चुकाना पड़ता था। इस तरह 50 लाख तक महिलाओं को 1 प्रतिशत का फायदा हुआ है। जबकि 80 लाख के ज्यादा पर 3 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।